Deveshwar-Mahadev-gosala9

इस सन्दर्भ में भक्तों ने गाया है-

सर्वदेवमयी गौ माता को जो करे दण्डवत प्रणाम।

अतुलित सुख शांति धन वैभव, जो चाहे सोही वो पावे॥

अवर्णनीय महिमा गौ माता की, पूर्ण करते मनोरथ भक्तन के।

जोहि जोहि माँगे सोहि सोहि पावे, जो उनकी सेवा चित लावे॥

पतित पावनी गौ माता की सेवा, करही सो तरहि भव सिन्धु।

उनके चरण कमल जो गहे, नन्दनन्दन की कृपा वो पावे॥

सेवा ही पूजा, सेवा ही विधि, सेवा ही फल को अभिलाषी।

"पीयूष" चरणों में चित निरंतर, जो ध्यावे दिव्य गोलोक वो पावे॥