इतिहास-पुराणों में

ब्रह्माण्डपुराण

गौ सावित्री स्त्रोत 

अखिल विश्व के पालक देवाधिदेव नारायण ! आपके चरणों में मेरा प्रणाम है। पूर्वकाल में भगवान व्यासदेव ने जिस गौ-सावित्री-स्त्रोत को कहा था, उसी को मैं सुनाता हूँ॥

महाभारत

कपिला गौ के सींगो के ऊपर के भाग में विष्णू और इन्द्र तथा सींगो की जड में चन्द्रमा और वज्रधारी इन्द्र देवता रहते हैं। सींगो के बीच में ब्रह्माजी और ललाट में वृषभ ध्वज भगवान शंकर विराजते हैं।

स्कन्धपुराण

गौ सर्वदेवमयी और वेद सर्वगोमय हैं। गाय के सींगों के अग्रभाग में नित्य इन्द्र निवास करते हैं।

भविष्यपुराण

गाय के दोनो नेत्रों में चन्द्रमा और सूर्य, जीभ में सरस्वती, दाँतों में मरुत देवता...
 

भजन

हे गोमातातुम्हें प्रणाम !

मंगलदातृ हे गोमाता, हम सब करते तुम्हें प्रमाण।

दूध दही देती कल्याणी, औ असंख्य हैं तेरे नाम॥