एक और ग्रीष्मकाल की शुरुआत हुए विश्वगुरुजी के सानिध्य में। विश्वगुरुजी महामंडलेश्वर परमहंस श्री महेश्वरानंद जी Czech Republic के Strilky के महाप्रभुदीप आश्रम पधारे।
 
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सभी शिष्यो को बहुत ही सुख और शांति प्राप्त हुए फिर से वे बिना कोरोना महामारी के पूर्ण रूप से गुरुदेव के साथ जुड़ पाए। किसी भी सात्विक आश्रम में समय बिताना और गुरुदेव के नई नई योग तकनीक सिखने का भी जीवन अपना एक अलग ही आनंद हैं।
 
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इस घोर कलयुग में और ऐसे सात्विक गुरु के समय बिताना और योग सीखना बहुत ही दुर्लभ हैं। ग्रीष्मकालीन शिविर का समय ऐसे ही विश्वगुरुजी के साथ योग और आध्यत्मिकता के साथ निकल गया ।
 
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