२ सितम्बर २०२२
ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले विश्वगुरु जी ने फिर से भारत यात्रा की। इस अल्पकालीन विश्राम में विश्वगुरु जी अपने कुछ आश्रमों में गए। इसी बीच विश्वगुरुजी अपने जाडन स्थित ॐ आश्रम में भी रुके। जहाँ विश्वगुरु जी के न्योते से एक खास मेहमान का आगमन हुआ।
 
वो खास मेहमान थे धर्मस्थल मंदिर के प्रशासक और संसद सदस्य डॉ. श्री वीरेंद्र हेगड़े जी।
 
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विश्वगुरु जी और वीरेंद्र हेगड़े जी दोनों ही व्यापक रूप से माने जाने वाले परोपकारी पुण्यात्माएँ हैं। दोनों का ही सम्बन्ध गहरे आद्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण हैं। दोनों ने ही सदैव अंहिसा और अहिंसा से जुडी जानकारी लाखों क्या ? करोड़ों लोगो तक पहुँचाई हैं। इन दिव्यात्माओं के सवांद ने पूरा वातावरण ही आद्यात्मिक कर दिया था।
 
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विश्वगुरुजी और वीरेंद्र हेगड़े जी के जाडन आश्रम आने के बाद महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानेश्वर पूरी जी और उपस्थित सज्जनों के साथ विश्वगुरुजी ने दीप-प्रज्वलित कर हाल ही में लगाए गए कल्प-वृक्ष की पहली पूजा की। इस कार्यक्रम के बाद सभी महानुभाव शिवलिंग पूजा के लिए शिव मंदिर गए।
 
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इस सुनहरे अवसर पर विश्वगुरुजी ने अपनी एक Vintage कार धर्मस्थल स्थित "मञ्जूषा विंटेज कार म्यूजियम" को दान कर दी। इससे पहले भी विश्वगुरुजी ने २००४ में इसी म्यूजियम को अपनी एक “OldTimer” विंटेज कार प्रदर्शनी के लिए दान की थी।
 
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वास्तु में विशेष रूचि और जानकारी रखने वाले स्वामी योगेशपुरी जी के मार्गदर्शन और शाम की आरती तथा सत्संग के साथ इस खास दिन का समापन किया गया। जैसा हर आश्रम में रोजाना होता है।
 
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