वियना २. अक्टुबर २०१५. - विश्व शांति सम्मेलन
 
 
 
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सम्पूर्ण विश्व के नेता २०१५ के पश्चात् परस्पर सहयोग से अपनाए जाने वाले ऐतिहासिक महत्व के स्थायी विकास के लक्ष्यों को सॅंयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा न्यूयार्क में पारित किए गए प्रस्ताव पर अलग-अलग टिप्पणी कर रहे हैं, वहीं सॅंयुक्त राष्ट्र संघ वियाना में पूरे विश्व के २०० से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों ने अहिंसा का अर्न्तराष्ट्रीय दिवस मनाया। स्वामी माधवानन्द विश्व शांति परिषद्‍ जो कि एक गैर सरकारी संगठन है तथा यू.एन.ई.सी.ओ.एस.ओ.सी. (UN ECOSOC) की विषेष सलाहकार संस्था है, ने इसके संस्थापक भारत गौरव विश्व गुरु स्वामी महेश्वरानन्द जी की पहल पर ‘‘योग- अहिंसा व विश्व शांति का मार्ग’’ विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
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सॅंयुक्त राष्ट्र की ७०वीं वर्षगांठ एवं अहिंसा दिवस के अवसर पर विश्व के अनेक देशों-आस्ट्रेलिया, भारत, हंगरी, स्लोवेनिया, चैक गणराज्य, स्लोवाकिया, अमेरिका, क्रोएषिया, यूक्रेन, नीदरलैण्ड, मैक्सिको एवं जर्मनी के प्रतिष्ठित नेताओं, गैरसरकारी संगठनों एवं शिक्षाविदों ने अपने सन्देश एवं समर्थन के पत्र प्रेषित किए। इस अवसर पर यूनेस्को की निदेशक सुश्री इरिना बेकोव, राजकुमार अल्फ्रेड वॉन लीचेन्सटन एवं महात्मा गॉंधी के पोत्र श्री अरूण गांधी ने अपने व्यक्तिगत सन्देश एवं समर्थन के पत्र भेजे।
 
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इस अवसर पर स्वामी माधवानन्द विश्व शांति परिसर के संस्थापक एवं इस सम्मेलन हेतु पहल करने वाले विश्व गुरु स्वामी महेश्वरानन्द ने कहा कि विश्व शांति तभी सम्भव है जब सारे धर्म व राजनीतिज्ञ सहिष्णुता रखें और सभी अन्य धर्मो, संस्कृतियों एवं राष्ट्रों को सम्मान एवं मान्यता प्रदान करें। यह हमारा परम कर्तव्य है कि हम क्षमा, भाईचारा एवं एकता के बारे में लोगों की चेतना जागृत करें और यह संदेश दें कि हम सब एक ही ईश्वर की संन्तान हैं। हम सभी का एक ही धर्म है-मानवता।
 
Dr H R Nagendra
 
स्वामी माधवानन्द विश्व शांति परिषद
              जन सम्पर्क विभाग
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